करनाल 23 दिसम्बर: भाकृअनुप- राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो करनाल द्वारा पशुधन की स्वदेशी नस्लों को पालने एवं उनका संरक्षण करने वाले किसानों एवं संस्थाओं को “किसान दिवस एवं एवं नस्ल संरक्षण वितरण समारोह” के अवसर पर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर संस्थान निदेशक डॉ बी पी मिश्र ने विजेताओं एवं अथितियों का स्वागत किया एवं देशी नस्लों के संरक्षण एवं ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन पर बल दिया, उन्होंने ने बताया कि आज का दिन किसानों के लिए समर्पित है एवं यह भारतवर्ष के पूर्व प्रधानमंत्री की जयन्ती 23 दिसम्बर को मनाया जाता है साथ ही उन्होंने चौधरी चरण सिंह जी को याद करते हुए उनके जीवन वृत्त पर भी प्रकाश डाला. कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य अतिथि डॉ. ए के श्रीवास्तव, कुलपति, उ. प्र. पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, मथुरा उत्तर प्रदेश ने की, उन्होंने अपने अध्यक्षीय उदबोद्धन में विजेता पशुपालकों एवं संस्थाओं को हार्दिक बधाई दी तथा भारतवर्ष की देशी नस्लों की विशेषता, उनकी आवश्यकता एवं संरक्षण पर बल दिया एवं नई कम ज्ञात नस्लों के पंजीकरण पर बल दिया. इस अवसर पर समारोह के विशिष्ठ अथिति श्री जगत हजारिका, साँख्यिकी सलाहकार, मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरिंग मंत्रालय, भारत सरकार एवं डॉ आर के पुंडीर, विभागाध्यक्ष ने सभी विजताओं को बधाई दी एवं देशी पशुओं के महत्व पर भी प्रकाश डाला. कार्यक्रम का संचालन डॉ अनिल कुमार मिश्र डॉ साकेत निरंजन प्रधान वैज्ञानिक ने किया.
पुरस्कार पाने वालों में व्यतिगत श्रेणी के अंतर्गत, मालवी ऊंट की नस्ल पालने वाले राजस्थान के श्री भंवर लाल जी को प्रथम, तमिलनाडु के श्री मरगुन्दन नन्दुकुप्पन्नम को तिरुची ब्लैक भेंड के लिए द्वितीय, श्री दिलीप कुलकर्णी (महराष्ट्र) को रेड कान्धारी गाय एवं श्री बालन माधप्पन को मचेरी भेंड़ पालने के लिए तृतीय एवं बीकानेरी ऊँट के संरक्षण में लगे श्री सुरेन्द्र अवाना जी को प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया गया. संस्थागत श्रेणी के अंतर्गत प्रथम पुरस्कार रेड सिन्धी नस्ल के गोवंश के संरक्षण के लिए पशु प्रजनन फार्म, कलसी उत्तराखण्ड को , भाकृअनुप –राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र, बीकानेर को को मेवाड़ी ऊंट के संरक्षण हेतु द्वितीय एवं खिल्लार गोवंश प्रजनन केंद्र, बांकापुर, कर्नाटक एवं भाकृअनुप – राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीयस्टेशन बीकानेर हिसार को हलारी गर्दभ के लिए तृतीय एवं देवनी गोवंश के संरक्षण के लिए प्रोत्साहन पुरस्कार कर्नाटक पशु चिकित्सा, पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय बीदर, कर्नाटक को प्रदान किया गया.
विजेताओं की सूची
पुरस्कार | विजेता | संरक्षित नस्ल |
व्यक्तिगत श्रेणी | ||
प्रथम | श्री भंवर लाल, बारा, राजस्थान | मालवी उष्ट्र |
द्वितीय | श्री मरगुन्दन नन्दुकुप्पन्नम, धर्मापुरी , तमिलनाडु | तिरुची ब्लैक भेंड़ |
तृतीय | श्री दिलीप गणपत राव कुलकर्णी , उदगीर, महाराष्ट्र | रेड कंधारी गोवंश |
श्री बालन माधप्पन, सेलम, तमिलनाडु | मेचेरी भेंड़ | |
प्रोत्साहन | श्री सुरेन्द्र अवाना, दूदू , राजस्थान | बीकानेरी उष्ट्र |
संस्थागत श्रेणी | ||
प्रथम | पशु प्रजनन फार्म, कलसी, देहरादून , उत्तराखंड | रेड सिंधी गोवंश |
द्वितीय | भाकृअनुप –राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्रबीकानेर, राजस्थान | मेवाड़ी उष्ट्र |
तृतीय | खिल्लार गोवंश प्रजनन केंद्र, बांकापुर,कर्नाटक | खिल्लार गोवंश |
भाकृअनुप –राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीयस्टेशन, बीकानेर, राजस्थान | हलारी गर्दभ | |
प्रोत्साहन | पशुधन अनुसंधान एवं सूचना केंद्र (देवनी),
कर्नाटक पशु चिकित्सा, पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय बीदर, कर्नाटक |
देवनी गोवंश |