ब्यूरो में प्रमुख प्रशिक्षण सत्र और कार्यशालाओं का आयोजन
- एनएआईपी की उप परियोजना “भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में राष्ट्रीय कृषि जैव सूचना ग्रिड (NABG) की स्थापना” के अंतर्गत दिनांक 08-12 नवम्बर, 2010 के दौरान “पशु जैव सूचना विज्ञान में सॉफ्ट कम्प्यूटिंग तकनीकें ” विषय पर संवेदीकरण प्रशिक्षण का आयोजन किया गया । विभिन्न राज्यों /भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद / राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में कार्यरत चौदह वैज्ञानिकों / तकनीकी अधिकारियों को आईएसआई, कोलकाता सहित कई अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रख्यात विशेषज्ञों द्वारा जैव सूचना विज्ञान के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया गया।
Dr. V.K Bhatiya, Director, IASRI, New Delhi addressing the gathering at the valedictory function
- एनएआईपी की उप परियोजना “भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में राष्ट्रीय कृषि जैव सूचना ग्रिड (NABG) की स्थापना” के अंतर्गत “पशु जीनोमिक्स और प्रोटिओमिक्स के लिए जैव सूचना विज्ञान” विषय पर प्रशिक्षण 24 फरवरी से 9 मार्च , 2011 के दौरान आयोजित किया गया था । इस प्रशिक्षण में 13 प्रतिभागी थे । वक्ताओं को प्रतिष्ठित संस्थानों से जैसे कि आईएआरआई, एनडीआरआई, आईएआरआई, आईआईटी-नई दिल्ली और आईसीएआर-एनबीएजीआर, करनाल सहित आमंत्रित किया गया था।
- कृषि एवं सहकारिता विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा प्रायोजित “मैदानी परिस्तिथि के अंतर्गत देशी पशुधन और पोल्ट्री आनुवंशिक संसाधनो का संरक्षण और लक्षण वर्णन ” विषय पर दिनांक 15-11-2011 से 22-11-2011 के दौरान एक आदर्श प्रशिक्षण कोर्स आयोजित किया गया। 4 विभिन्न राज्यों के पशुपालन विभागों से कुल 34 अधिकारियों ने अपना पंजीकरण करवाया और 8 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया । यह प्रशिक्षण क्षेत्र परिस्तिथि में संरक्षण , लक्षण वर्णन और भारत के देशी पशुधन और पोल्ट्री आनुवंशिक संसाधनों के सतत उपयोग के महत्व के बारे में संवेदनशील बनाने और जागरूकता पैदा करने के लिए आयोजित किया गया था।
Participants of Model Training Course
- एनएआईपी की उप परियोजना “भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में राष्ट्रीय कृषि जैव सूचना ग्रिड (NABG) की स्थापना” के अंतर्गत “पशु जैव सूचना विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति ” विषय पर प्रशिक्षण 21 फरवरी से 3 मार्च, 2012 के दौरान आयोजित किया गया था।
- ” क्षेत्रीय पशु आनुवंशिक संसाधनों का संरक्षण और उनका सतत उपयोग” पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम 29 जनवरी 2013 से शुरू हुआ और 2 फरवरी 2013 को समाप्त हुआ । राज्य पशुपालन विभाग, जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया।
- एनएआईपी की उप परियोजना “भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में राष्ट्रीय कृषि जैव सूचना ग्रिड (NABG) की स्थापना” के अंतर्गत ” पशु आनुवंशिक संसाधन के सुधार और संरक्षण के लिए जैव सूचना विज्ञान” विषय पर प्रशिक्षण 18-28 फ़रवरी, 2013 के दौरान आयोजित किया गया था।
- शिक्षा विभाग ,भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद,नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित एक लघु पाठ्यकर्म ” भारतीय पशु आनुवंशिक संसाधनो का सतत उपयोग” दिनांक 17- 26 जुलाई, 2013 तक आईसीएआर- रा. प. आ. स. ब्यूरो , करनाल में आयोजित किया गया था। डॉ आरके पुंडीर पाठ्यक्रम के निदेशक और डॉ एसके निरंजन पाठ्यक्रम समन्वयक थे । विभिन्न राज्यों के तेरह प्रतिभागियों ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया।
- एनएआईपी की उप परियोजना “भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में राष्ट्रीय कृषि जैव सूचना ग्रिड (NABG) की स्थापना” के अंतर्गत ‘पशु जैव सूचना विज्ञान और जीनोमिक्स अनुसंधान कार्यक्रम ‘ पर कार्यशाला का आयोजन 2 सितम्बर 2013 को राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, करनाल में किया गया था। डॉ के एम एल पाठक उपमहानिदेशक (पशु विज्ञान) मुख्य अतिथि के रूप में डॉ बीके जोशी, निदेशक (रा.प. आ.स.ब्यूरो) , करनाल, डॉ आर्जव शर्मा, परियोजना निदेशक(पीडीसी, मेरठ) , डॉ अनिल राय ( आईएएसआरआई), डॉ विनीत भसीन, प्रधान वैज्ञानिक (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) और आईएएसआरआई, आईसीएआर-एनबीएजीआर , एनडीआरआई, आईवीआरआई , सी आई आर बी , गड़वासु और एल एल आर यू वी ए एस से अन्य वैज्ञानिकों ने इसमे भाग लिया। कार्यशाला में बारहवीं योजना (2012-17) में कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी और कृषि जैव सूचना विज्ञान नेटवर्क परियोजना के अंतर्गत पशु जैव सूचना विज्ञान और जीनोमिक्स के क्षेत्र में प्रस्तावित अनुसंधान कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श किया गया ।
Dr. KML Pathak addressing the participants of the workshop
- एनएआईपी की उप परियोजना “भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में राष्ट्रीय कृषि जैव सूचना ग्रिड (NABG) की स्थापना” के अंतर्गत ” पशु जीनोम संसाधन डेटा विश्लेषण के लिए कम्प्यूटेशनल उपकरण” विषय पर प्रशिक्षण 02-13 दिसम्बर, 2013 को राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, करनाल में आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण कार्यक्रम डॉ अवनीश कुमार और डॉ करन वीर सिंह द्वारा समन्वित किया गया था ।
- संस्थान ने दिनांक (1 -10) दिसम्बर , 2014 तक भा. कृ. अ. प. द्वारा प्रायोजित 10 दिवसीय लघु अवधि का कोर्स ” देशी पशु आनुवंशिक संपदा के जीनोम गुण निर्धारण हेतु उन्नत आणविक जैविक सूचना दृष्टिकोण ” विषय पर आयोजित किया। इस कोर्से का मुख्य उदेशय विभिन्न जीनोमिक और जैविक सूचना उपकरणों के प्रयोग से पशु आनुवंशिक संपदा के गुण निर्धारण के क्षेत्र में आधारभूत और उन्नत ज्ञान की जानकारी उपलब्ध करवाना था। कोर्स के दौरान प्रतिभागीयों को जीनोम लक्षण निर्धारण के क्षेत्र में उन्नत तकनीको से प्रशिक्षित करने के लिए अभ्यास प्रशिक्षण पर ज्यादा जोर दिया गया। एन ए ए एस (नास ) प्रणाली से जुड़ें कुल 21 प्रतिभागीयों (परिषद के संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों से ) तथा अन्य संगठनो वा सामान्य विश्वविद्यालयों से विज्ञान और तकनीकी से संबंधित प्रतिभागीयों ने इस कार्यक्रम सत्र में भाग लिया।
सत्र निदेशक : डॉ. मनीषी मुकेश
सत्र संचालक : डॉ. मोनिका सोढी , डॉ. आर.एस. कटारिया , डॉ. इन्द्रजीत गांगुली और संजीव सिंह
- आईसीएआर – रा.प. आ.स.ब्यूरो, करनाल ने दिनांक 20 -26 अप्रैल 2015 तक कृषि -पशु आनुवंशिक संपदा के आण्विक आनुवंशिक लक्षण निर्धारण पर दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन का क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ब्यूरो तथा सार्क कृषि केन्द्र ढाका ने संयुक्त रूप से आयोजित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देशय सार्क देशों में पशु आनुवंशिक संपदा के लक्षण निर्धारण के क्षेत्र में अपना अनुभव साँझा करना था।प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 16 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिनमे 1 बांग्लादेश से , 2 पाकिस्तान , २ मालद्वीप , 3 -3 श्रीलंका व नेपाल और 5 भारत से थे और विभिन्न पृष्ठभूमि यथा पुलिस फोरेंसिक प्रयोगशाला , शिक्षण संस्था व शोध संस्थानों से थे।प्रशिक्षण कार्यक्रम के द्वारा प्रतिभागियों को कृषि पशुओं के आनुवंशिक लक्षण निर्धारण पर एफ.ए.ओ. द्वारा अनुशेसित मार्गदर्शिका से अवगत करवाया गया । प्रशिक्षण सामग्री में माइक्रोसेटेलाइट मारकरस और माइटोकांड्रियल सीक्वेंस आधारित आनुवंशिक लक्षण निर्धारण ,साइटोजेनेटिक और कैंडिडेट जीन एनालिसिस एक्सप्रेशन प्रोफाइलिंग एवं माइक्रोऐरे शामिल थे।प्रशिक्षणार्थियों ने पशु आनुवंशिक संपदा और इनकी विशेषताओं , क्षेत्र आधारित शारीरिक लक्षण निर्धारण का कार्य , इनकी पंजीकरण प्रक्रिया और भारत में लागु वंश वृद्धि के लिए जीवद्रव्य के निम्नताप भण्डारण के बारे में भी सीखा। प्रशिक्षणार्थियोंको शैक्षिक व्याख्यानों के अतिरिक्त प्रयोगशाला और जैविक सूचना तकनीको को स्वयं सिखने का अवसर भी दिया गया ताकि उनमें आत्मविश्वास का विकास हो सके । सार्क कृषि केन्द्र , ढाका के साथ -साथ सभी प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की बड़ी सराहना की तथा सभी समाचार पत्रों में इस कार्यक्रम को बहुत प्रचार मिला ।
सत्र निदेशक :डॉ आर्जव शर्मा , निदेशक(रा.प. आ.स.ब्यूरो)
सत्र संचालक : डॉ आर.एस. कटारिया
सत्र सह-संचालक : डॉ साकेत कुमार निरंजन
- आईसीएआर-एनबीएजीआर में 3 – 5 अक्टूबर, 2016 तक तकनीकी कर्मचारियों के लिए प्रयोगशाला में कौशल उन्नयन के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।
सत्र संचालक : डॉ. रीना अरोड़ा, करणवीर सिंह और जयकुमार एस - “देशी पशु विविधता के संरक्षण के लिए उन्नत टूल” विषय पर लघु पाठ्यक्रम अक्टूबर 17 से 26, 2016 शिक्षा विभाग, आईसीएआर द्वारा प्रायोजित किया गया।
सत्र संचालक : डॉ आर.के. पुंडिर, विकास वोहरा और के.एन.राजा - आईसीएआर-एनबीएजीआर में 15 से 22 नवंबर, 2016 को “पशु और पोल्ट्री आनुवंशिक संसाधनों के लक्षण वर्णन और संरक्षण के लिए रणनीति” विषय पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम, डायरेक्टरेट ऑफ़ एक्सटेंशन , कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित किया गया।
सत्र संचालक : डॉ. आर्जव शर्मा, रेखा शर्मा, के.एन.राजा और सोनिका अहलावत - आईसीएआर-एनबीएजीआर में वैज्ञानिक और तकनीकी अधिकारियों के लिए 30 से 31 जनवरी, 2017 तक “भारतीय परिप्रेक्ष्य में आईपी संरक्षण और टेक्नोलॉजी हस्तांतरण” विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया ।
सत्र संचालक : डॉ. आर्जव शर्मा, करणवीर सिंह और जयकुमार एस - आईसीएआर-एनबीएजीआर, करनाल में 27-29 जून, 2017 के दौरान आईसीएआर-एचआरडी कार्यक्रम के तहत आईसीएआर तकनीकी और प्रशासनिक अधिकारियों की व्यावसायिक क्षमता में वृद्धि “पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
- आईसीएआर-एनबीएजीआर, करनाल में 28-31 अगस्त, 2017 को डिपार्टमेंट ऑफ़ एनिमल हसबेंडरी , हरियाणा के अधिकारियों के लिए ‘बीफ की पीसीआर आधारित पहचान’ पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
- आईसीएआर-एनबीएजीआर, करनाल में 29 अगस्त, 2017 को आईसीएआर-एचआरडी के तहत आईसीएआर के कुशल सहायक स्टाफ के लिए विषय “कुशल सहायक स्टाफ की योग्यता वृद्धि एवं व्यक्तित्व विकास हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम” पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
- आईसीएआर द्वारा प्रायोजित 25 अक्टूबर से 3 नवंबर, 2017 तक आईसीएआर के सहायक प्रोफेसरों और उससे ऊपर के लिए , एसएयू और एसवीयू के लिए ” स्वदेशी पशुधन और पोल्ट्री नस्लों के इन सीटू संरक्षण” पर लघु पाठ्यक्रम प्रायोजित किया।
- एसएएचडी (सहद), एसएलडीबी / एजेंसियों राज्य जैव विविधता बोर्ड के अधिकारियों के लिए 23-30, 2017 नवंबर, 2017 को जलवायु परिवर्तन और सामाजिक-आर्थिक परिप्रेक्ष्य के तहत स्वदेशी पशु आनुवांशिक संसाधनों के संरक्षण के लिए रणनीतियां ” विषय पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किया गया था।