आईसीएआर-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो का इतिहास
वर्ष 1926 के आरम्भ में कृषि पर रॉयल आयोग ने सिफारिश की कि भारत में पशुधन उत्पादन में योजनाबद्ध और व्यवस्थित अनुसंधान प्रयासों की आवश्यकता है । आयोग ने स्थिति का गंभीर विश्लेषण किया और पशु आनुवंशिकी और प्रजनन पर संस्थान स्थापना की जरूरत पर बल दिया । इसका आरम्भ 1940 में हुआ । जब आनुवंशिक अनुसंधान इकाई इंपीरियल पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर में स्थापित हुई ।
वर्ष 1984 में आईसीएआर-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो / आईसीएआर-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिकी संस्थान की स्थापना देश में पिछले कुछ वर्षों में अग्रणी आनुवंशिकी विज्ञान द्वारा किए गए निरंतर प्रयासों का परिणाम था ।
आईसीएआर-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो / आईसीएआर-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिकी संस्थान की स्थापना हेतु अनुमोदन चतुर्थ पंचवर्षीय योजना के दौरान किया गया था । इस संबंध में पांचवी और छठी पंचवर्षीय योजना में प्रभावी अनुवर्ती कदम लिए गए । अंत में, 21 सितंबर 1984 को राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (दक्षिणी क्षेत्रीय स्टेशन), बंगलौर, परिसर में ब्यूरों को स्थापित किया गया तथा 19 जुलाई 1985 को करनाल राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल परिसर में अस्थायी रूप से स्थानांतरित किया गया ।
आईसीएआर-एनबीएजीआर और एनआईएजी, एसआरएस एनडीआरआई, बंगलौर ।
भाकृअनुप – एन बी ए जी आर /एन आई ए जी की नींव 19 जुलाई 1985 को माननीय मंत्री श्री बूटा सिंह द्वारा रखी गई । इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक और डेयर सचिव डॉ एन एस रंधावा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप-महानिदेशक (पशु विज्ञान) डॉ आर एम अचार्य, राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ आर नागरशंकर उपस्थित थे ।
साइकिल स्टैंड, एनडीआरआई करनाल, एनआईएजी के प्रयोगशाला में परिवर्तित हुआ ।
आईसीएआर-एनबीएजीआर भवन निर्माण के लिए स्थल सर्वेक्षण ।
आईसीएआर-एनबीएजीआर और एनआईएजी को मकरमपुर करनाल में अस्थायी शेड में स्थानांतरित कर दिया गया ।
आईसीएआर-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो और आईसीएआर-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिकी संस्थान को 1995 में एक एकल इकाई के रूप में कार्य करने के लिए राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो के रूप में विलय कर दिया गया । एन बी ए जी आर के नए कार्यालय के साथ प्रयोगशाला भवन निर्माण का कार्य 28 नवंबर 1998 को माननीय श्री सोमपाल जी, कृषि राज्य मंत्री, भारत सरकार द्वारा उद्घाटन किया गया था । पदम भूषण डॉ. आर.एस. परोदा, डेयर सचिव और आईसीएआर के महानिदेशक ने समारोह की अध्यक्षता की । आई.सी.ए.आर. (पशु विज्ञान) के उप महानिदेशक डॉ. एम एल मदन सम्मानित मेहमान थे ।