दिनांक 16.02.2023 को भारतीय कृषि विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली में नस्ल पंजीकरण के लिए आवेदकों को प्रमाण पत्र देने का समारोह सम्माननीय, केन्द्रीय मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार श्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस अवसर पर, सुश्री अलका नांगिया अरोड़ा, अपर सचिव (डेयर) और वित्तीय सलाहकार (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद), डॉ बी एन त्रिपाठी उप महानिदेशक पशु विज्ञान, डॉ अभिजीत मित्रा, पशुपालन आयुक्त, भारत सरकार एवं डॉ बी पी मिश्रा निदेशक भाकृअनुप – एन बी ए जी आर भी उपस्थित थे।
अपने अभिभाषण में श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने देश के पशु आनुवंशिक संसाधनों को सूचीकृत करने में आईसीएआर के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद इस दिशा में कार्य कर रहा है और देश में ऐसी नस्लों को पहचान के लिए एक विशेष अभियान भी शुरू किया है । उन्होंने ने कहा कि अभी भी बड़ी संख्या में देशी नस्लें हैं जिन्हें देश के सभी क्षेत्रों से पहचानने की आवश्यकता है। हमें ऐसी अनूठी नस्लों की जल्द से जल्द पहचान करनी होगी इससे कृषि क्षेत्र को समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी । मुझे खुशी है कि परिषद इस दिशा में काम कर रही है और देश में ऐसी नस्लों की पहचान के लिए एक विशेष मिशन शुरू किया है। इस तरह का कार्य आसान नहीं है और राज्य विश्वविद्यालयों, पशुपालन विभागों, गैर सरकारी संगठनों आदि के समर्थन के बिना यह कार्य पूर्ण नहीं किया जा सकता है। मुझे खुशी है कि आईसीएआर ने इन सभी एजेंसियों के सहयोग से मिशन मोड में देश के सभी पशु आनुवंशिक संसाधनों के प्रलेखन की शुरुआत की है। मुझे विश्वास है कि यह बड़ा समूह देश में देशी पशु आनुवंशिक संसाधनों के दस्तावेजीकरण के मिशन को पूरा करेगा।
इस कार्क्रक्रम में देश के 17 राज्यों की वर्ष 2020, 2021 एवं 2022 में पंजीकृत की गयी नई पशुधन नस्लों के आवेदन कर्ताओं को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया । इस दौरान गोवंश की 10, भैंस की 4, बकरी की 3, , शूकर की 5, भेंड़, गर्दभ एवं बत्तख की 1- 1 नस्लें एवं मुर्गी की एक मादा लाइन शामिल थीं , साथ ही देश में प्रथम बार श्वान की पंजीकृत 3 नस्लों के आवेदन कर्ताओं को भी प्रमाण पत्र का वितरण किया गया ।
कार्यक्रम की शुरुआत में सुश्री अलका नांगिया अरोड़ा, अपर सचिव (डेयर) और वित्तीय सलाहकार (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद), ने मुख्य अतिथि माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी, केंद्रीय मंत्री, कृषि एवं किसान कल्याण, भारत सरकार एवं अन्य अथितियों का स्वागत किया ।
डॉ बी. एन. त्रिपाठी, उपमहानिदेशक, (पशु विज्ञान) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने इस अवसर पर विभिन्न नस्लों की पहचान करने के लिए भा.कृ.अ.प. और राज्य कृषि एवं पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों और पशुपालन विभागों के अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की एवं इसके महत्व पर भी प्रकाश डाला। डॉ अभिजीत मित्रा, पशुपालन आयुक्त ने कहा कि नस्लों के रूप में विभिन्न अनूठी आबादियों के पंजीकरण से भारत के पशु आनुवांशिक संसाधनों के सुधार, संरक्षण, स्थायी उपयोग एवं जैव सुरक्षा को भी बल मिलेगा। उन्होंने इन स्वदेशी नस्लों के सुधार और उपयोगिता बढ़ाने के लिए भविष्य में विभिन्न एजेंसियों के संबंधों को विकसित करने पर जोर दिया। डॉ. बी. पी.मिश्रा, निदेशक, आईसीएआर-राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, करनाल ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।